Asian Champions Trophy Hockey Final|India vs China 24
Hockey Final: India vs China
एशियन चैंपियंस ट्रॉफी हॉकी फाइनल: भारत बनाम चीन
Asian Champions Trophy Hockey Final: India vs China 24 हरमनप्रीत सिंह के नेतृत्व में भारतीय पुरुष हॉकी टीम एशियन चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में चीन की मेज़बानी कर रही है। यह मुकाबला चीन के दाउर एथनिक पार्क, हूलुनबुइर में स्थित मोकी हॉकी ट्रेनिंग बेस पर खेला जा रहा है। पहले दो क्वार्टर के बाद स्कोरबोर्ड पर 0-0 का स्कोर दिखा रहा था, क्योंकि भारतीय टीम लगातार गोल की तलाश में थी, वहीं चीन भी काउंटर अटैक के मौके बना रहा था, जहाँ भारतीय डिफेंस को सतर्क रहना पड़ा।
चीन के गोलकीपर वांग वेईहाओ ने पहले हाफ में शानदार प्रदर्शन किया और भारतीय आक्रमण को रोकने में अहम भूमिका निभाई। भारतीय टीम को उनकी रक्षा को तोड़ने में मुश्किलें आ रही थीं, लेकिन चीन का डिफेंस भी पूरी तरह तैयार दिखा।
भारत की सफलता का सफर
भारतीय पुरुष हॉकी टीम ने हाल ही में पेरिस ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था और अब वह एशियन चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब अपने नाम करने के इरादे से मैदान पर उतरी है। भारतीय टीम चार बार इस टूर्नामेंट की विजेता रही है और वह लगातार दूसरी बार यह खिताब जीतने की कोशिश कर रही है। पिछले साल चेन्नई में हुए टूर्नामेंट में भारत ने इस खिताब को अपने नाम किया था और अब वह फिर से इसे दोहराने की कोशिश में है।
फाइनल तक का सफर
भारतीय टीम ने इस टूर्नामेंट में अब तक अपराजेय प्रदर्शन किया है। भारत ने ग्रुप स्टेज में अपने पांचों मैच जीते और सेमीफाइनल में भी शानदार प्रदर्शन किया। सेमीफाइनल में भारत ने कोरिया को 4-1 से हराया। इस मुकाबले में पहले क्वार्टर में ही उत्तम सिंह (13’) ने गोल करके भारत को बढ़त दिलाई। इसके बाद हरमनप्रीत सिंह (19’, 45+’) और जर्मनप्रीत सिंह (32’) ने गोल करके भारत की बढ़त को और मजबूत किया। कोरिया की ओर से एकमात्र गोल जिहुन यांग (33’) ने किया।
दूसरे सेमीफाइनल में चीन ने पाकिस्तान को पेनल्टी शूटआउट में 2-0 से हराकर फाइनल में जगह बनाई। यह चीन के लिए एक ऐतिहासिक जीत थी, क्योंकि पहली बार वे इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंचे थे। रेगुलेशन समय में मुकाबला 1-1 की बराबरी पर समाप्त हुआ था, जिसके बाद शूटआउट में चीन ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए पाकिस्तान को बाहर कर दिया।
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भारत के सामने चुनौती
भारतीय टीम ने सेमीफाइनल में कोरिया को हराने के बाद आत्मविश्वास से भरी हुई है, लेकिन फाइनल में उसे चीन के उत्साही घरेलू समर्थन का सामना करना पड़ रहा है। चीनी टीम अपने प्रदर्शन में लगातार सुधार कर रही है और फाइनल में पहुंचने का उनका सफर उनकी कड़ी मेहनत और क्षमता को दर्शाता है।
भारतीय टीम को चीन की मजबूत डिफेंस और आक्रामक काउंटर अटैक से सावधान रहना होगा। भारतीय कप्तान हरमनप्रीत सिंह और उनके साथियों को अपनी रणनीति पर ध्यान देना होगा ताकि वे टूर्नामेंट के इतिहास में पांचवी बार चैंपियन बन सकें।
महत्वपूर्ण खिलाड़ियों पर नजर
भारतीय टीम के लिए हरमनप्रीत सिंह का प्रदर्शन बेहद अहम रहेगा। वे टूर्नामेंट में भारत के लिए कई महत्वपूर्ण गोल कर चुके हैं और सेमीफाइनल में भी उनका योगदान उल्लेखनीय रहा। इसके अलावा, जर्मनप्रीत सिंह और उत्तम सिंह का भी योगदान निर्णायक रहेगा।
वहीं, चीनी गोलकीपर वांग वेईहाओ पर फाइनल में सभी की नजरें होंगी, जिन्होंने पूरे टूर्नामेंट में बेहतरीन प्रदर्शन किया है। चीन की रक्षा मजबूत दिख रही है, और अगर वे भारत के आक्रमण को रोकने में सफल रहते हैं, तो वे खिताब की ओर एक बड़ा कदम बढ़ा सकते हैं।
चीन का सामना: एक नया अनुभव
भारतीय टीम ने मोकि में एक के बाद एक जीत दर्ज की है, लेकिन अब उन्हें चीन की टीम का सामना करना पड़ा है जो अपनी घरेलू धरती पर खेल रही है और दर्शकों के जोशीले समर्थन का फायदा उठा रही है। भारत ने ग्रुप स्टेज में अपने सभी पांच मुकाबले जीते और फिर सेमीफाइनल में भी शानदार जीत हासिल की। सोमवार को हुए सेमीफाइनल में भारत ने कोरिया को 4-1 से हराया था, जिसमें उत्तम सिंह (13’) ने पहले क्वार्टर में बढ़त दिलाई, उसके बाद हरमनप्रीत सिंह (19’, 45+’) और जरमनप्रीत सिंह (32’) ने गोल किए। कोरिया के लिए जिहुन यांग (33’) ने एकमात्र गोल किया।
चीन की पहली बार फाइनल में एंट्री
दूसरे सेमीफाइनल में, चीन ने पाकिस्तान को चौंकाते हुए शूटआउट में 2-0 से जीत दर्ज की और इस टूर्नामेंट के फाइनल में पहली बार प्रवेश किया। रेगुलेशन समय में चीन ने 1-1 की बराबरी पर मुकाबला खत्म किया और फिर पेनल्टी शूटआउट में पाकिस्तान को पीछे छोड़ दिया, जहां पाकिस्तान बुरी तरह असफल रहा। चीन की टीम तेजी से उभर रही है, और उन्होंने इस टूर्नामेंट में अपनी कड़ी मेहनत और संघर्ष से यह साबित किया है।
पहला हाफ: निराशाजनक लेकिन उम्मीदें बरकरार
पहले हाफ में भारत ने गेंद पर 85% तक नियंत्रण रखा, लेकिन इसके बावजूद चीन की सशक्त रक्षात्मक रणनीति के कारण गोल नहीं कर पाया। भारतीय टीम के हमले लगातार हुए, लेकिन चीन के डिफेंस और गोलकीपर की दृढ़ता ने उन्हें रोके रखा। दूसरी तरफ, चीन ने भी काउंटर अटैक्स में कुछ मौके बनाए, जिससे भारतीय रक्षापंक्ति को चुनौती मिली।
अब देखने की बात यह होगी कि क्या भारत दूसरे हाफ में अपना दबदबा बनाए रख पाएगा और गोल करने में कामयाब होगा, या फिर चीन अपने शानदार डिफेंस के साथ भारतीय टीम को हताश करता रहेगा।