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D.Gukesh World Chess Champion : भारतीय शतरंज का उभरता सितारा 24

D.Gukesh World Chess Champion – भारतीय ग्रैंडमास्टर डी. गुकेश (D. Gukesh) ने मौजूदा विश्व चैंपियन चीन के डिंग लिरेन (Ding Liren) का सामना किया। यह मुकाबला बेहद रोमांचक और कठिन था। गुकेश ने 14वें और निर्णायक राउंड में डिंग को 7.5-6.5 के स्कोर से हराकर जीत दर्ज की।

D.Gukesh World Chess Champion

यह जीत उन्हें शतरंज के इतिहास में सबसे कम उम्र का विश्व चैंपियन बनाती है।

विश्व शतरंज चैंपियनशिप 2024 (World Chess Championship) का आयोजन सिंगापुर के रिसॉर्ट्स वर्ल्ड सेंटोसा (Resorts World Sentosa) में किया गया। प्रतियोगिता 14 राउंड के क्लासिकल फॉर्मेट (Classical Format) में हुई, जिसमें हर खिलाड़ी को 7.5 अंक हासिल करने की आवश्यकता थी।

  • गुकेश ने अपने खेल में स्थिरता और रणनीतिक कौशल (Strategic Skills) दिखाया।
  • 11वें गेम में उन्होंने एक महत्वपूर्ण जीत हासिल की, जिसने उन्हें बढ़त दिलाई।
  • उन्होंने डिंग लिरेन की गलतियों का प्रभावी तरीके से फायदा उठाया।

डी. गुकेश को इस ऐतिहासिक जीत के लिए ₹1.6 करोड़ की पुरस्कार राशि मिली। साथ ही, वह विश्व चैंपियन बनने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए।

यहां हम डी. गुकेश के कुछ रोचक तथ्य और जानकारी प्रस्तुत कर रहे हैं।


तमिलनाडु के इस युवा खिलाड़ी ने कम उम्र में शतरंज की दुनिया में अपनी जगह बनाई। उनकी यह सफलता न केवल भारत के लिए गर्व की बात है, बल्कि अन्य युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा भी है।

गुकेश की इस जीत ने भारत को अंतरराष्ट्रीय शतरंज में नई पहचान दिलाई है। उनकी सफलता से भारतीय शतरंज के लिए भविष्य और भी उज्ज्वल नजर आ रहा है।

डी. गुकेश का पूरा नाम डोम्माराजू गुकेश (Dommaraju Gukesh) है। उनका जन्म 29 मई 2006 को चेन्नई, तमिलनाडु में हुआ। उनके पिता डॉ. राजनिकांत डोम्माराजू (Dr. Rajnikanth Dommaraju) एक ईएनटी सर्जन हैं और उनकी माता पद्मावती (Padmavathi) एक माइक्रोबायोलॉजिस्ट हैं। परिवार ने बचपन से ही गुकेश को शतरंज में रुचि लेने के लिए प्रोत्साहित किया।

गुकेश ने 7 साल की उम्र में शतरंज खेलना शुरू किया। उन्होंने 12 साल की उम्र में ग्रैंडमास्टर (Grandmaster) का खिताब हासिल किया, जिससे वह उस समय के सबसे कम उम्र के ग्रैंडमास्टर बन गए। उनकी यह उपलब्धि उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में मददगार साबित हुई।

  • 2024 में विश्व शतरंज चैंपियनशिप (World Chess Championship) का खिताब।
  • 2021 में Asian Individual Chess Championship में स्वर्ण पदक।
  • कई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में सफलता।

  • विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पुरस्कार।
  • FIDE ग्रां प्री में उत्कृष्ट प्रदर्शन।

गुकेश की खेल शैली आक्रामक लेकिन संतुलित है। वह खेल में अपनी स्थिति को मजबूत करने के लिए छोटी-छोटी चालों का कुशलता से उपयोग करते हैं। उनकी विश्लेषण क्षमता और विरोधी की गलतियों का फायदा उठाने की कला उन्हें खास बनाती है।

गुकेश के आदर्श विश्वनाथन आनंद (Viswanathan Anand) हैं, जिन्हें उन्होंने हमेशा अपने खेल का प्रेरणा स्रोत माना है। भविष्य में, वह और अधिक खिताब जीतने और भारत को शतरंज के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक ले जाने की योजना बना रहे हैं।


गुकेश की सफलता भारतीय युवाओं के लिए प्रेरणा है। उनकी कहानी यह दिखाती है कि समर्पण और मेहनत से कुछ भी संभव है। उनका यह खिताब भारतीय शतरंज को वैश्विक स्तर पर नई पहचान दिलाने में मदद करेगा।

डी. गुकेश का सफर न केवल भारत के लिए बल्कि वैश्विक शतरंज समुदाय के लिए भी प्रेरणादायक है। उनकी उपलब्धियां भारतीय खेल जगत में एक नया अध्याय जोड़ती हैं और आने वाले समय में उनके और भी कीर्तिमान देखने को मिलेंगे।

डी. गुकेश कौन हैं?

डी. गुकेश एक भारतीय शतरंज खिलाड़ी हैं जिन्होंने 2024 में विश्व शतरंज चैंपियनशिप में डिंग लिरेन को हराकर इतिहास रच दिया। वह सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज चैंपियन बने हैं।

विश्व के सबसे अमीर शतरंज ग्रैंडमास्टर कौन हैं?

मैग्नस कार्लसन वर्तमान में दुनिया के सबसे अमीर शतरंज खिलाड़ी हैं, जिनकी कुल संपत्ति लगभग $50 मिलियन है।

क्या गुकेश भारत का दूसरा विश्व चैंपियन बन गए हैं?

हां, गुकेश भारत के दूसरे विश्व चैंपियन बने हैं। इससे पहले, विश्वनाथन आनंद इस खिताब को जीत चुके हैं।

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