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Controversial LBW Decision : India vs Australia T20 World Cup 2024

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 2024 T20 World Cup के एक महत्वपूर्ण मुकाबले में एक Controversial LBW Decision ( विवादित LBW फैसला) सुर्खियों में रहा। यह घटना Australian innings के 17वें ओवर में घटी, जब ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज फोएबी लिचफील्ड ने Deepti Sharma की गेंद पर reverse sweep खेलने की कोशिश की।

Controversial LBW Decision

on-field umpire ने तुरंत भारत के पक्ष में LBW का निर्णय सुनाया, जिससे भारतीय खेमे में खुशी की लहर दौड़ गई। लेकिन कुछ ही पलों में, third umpire ने इस फैसले को पलट दिया, जिससे मैदान पर भारतीय खिलाड़ियों में नाराजगी फैल गई और यह निर्णय एक बड़े विवाद का कारण बना।

ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज फोएबी लिचफील्ड ने 17वें ओवर में Deepti Sharma की गेंद पर reverse sweep shot खेलने की कोशिश की। यह एक जोखिम भरा shot था और वह इसे सही तरीके से खेल नहीं सकीं। गेंद उनके पैड से जा टकराई और on-field umpire ने इसे सीधा LBW मानकर आउट का इशारा कर दिया।

third umpire ने गेंद के pitching angle और बल्लेबाज की स्थिति का ध्यानपूर्वक अध्ययन किया। Replay में दिखाया गया कि गेंद leg stump के बाहर pitch हुई थी। नियमों के अनुसार, अगर गेंद बल्लेबाज के leg stump के बाहर pitch होती है, तो LBW का फैसला नहीं दिया जा सकता।

Reaction of Indian Players

जैसे ही third umpire ने यह फैसला सुनाया, Indian players, विशेष रूप से Smriti Mandhana और Deepti Sharma, ने नाराजगी जाहिर की। उनका मानना था कि चूंकि बल्लेबाज ने reverse sweep खेलने के लिए अपना stance बदल लिया था, उसे right-handed बल्लेबाज के रूप में माना जाना चाहिए था।

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इस स्थिति में, leg stump की स्थिति भी बदल जाती है और गेंद को leg stump के बाहर pitch नहीं माना जाना चाहिए था।

लेकिन cricket के नियमों के अनुसार, भले ही बल्लेबाज अपना stance बदल ले, off और on side की परिभाषा वही रहती है। नियम 36 के तहत, leg stump के बाहर pitch हुई गेंद पर LBW out नहीं दिया जा सकता, चाहे बल्लेबाज का stance कुछ भी हो।

इसी नियम का पालन करते हुए third umpire ने अपना decision सुनाया, जिससे Indian team काफी निराश हुई।

Similar Past Controversial LBW Decision

Cricket में LBW decisions पर विवाद कोई नई बात नहीं है। 2011 के Cricket World Cup में Sachin Tendulkar के खिलाफ Pakistan के साथ semi-final match में भी एक विवादित LBW निर्णय सुर्खियों में रहा था। उस समय भी technological assistance के माध्यम से एक निर्णय को पलटा गया था, जिससे बड़ी बहस शुरू हुई थी।

इसी तरह, 2019 World Cup के दौरान भी कई बार DRS (Decision Review System) के उपयोग पर सवाल उठाए गए थे। Technology के बावजूद, कई बार decisions विवादित रहे हैं क्योंकि कुछ मामले umpires के निर्णय और rules की अलग-अलग interpretations पर निर्भर करते हैं।

DRS का उद्देश्य मैदान पर गलत फैसलों को सुधारना होता है, लेकिन कई बार यह प्रणाली खुद ही विवादों का कारण बन जाती है। खासकर LBW cases में, जहां ball की pitching और trajectory का आकलन किया जाता है, यह प्रणाली हमेशा सही साबित नहीं होती।

उदाहरण के तौर पर, 2019 World Cup final में New Zealand और England के बीच एक विवादास्पद run out का मामला सामने आया था, जहां DRS ने पूरी तरह स्पष्ट तस्वीर नहीं दी। इसी तरह, LBW decisions में भी कई बार यह स्पष्ट नहीं होता कि गेंद का pitching angle क्या था, और ऐसे में umpire का decision हमेशा सही साबित नहीं होता।

India और Australia के इस मुकाबले में आए LBW फैसले ने फिर से cricket में rules की समझ और उनके उपयोग पर debate छेड़ दी है। भारतीय टीम का यह मानना था कि बल्लेबाज के stance बदलने से नियमों की interpretation भी बदलनी चाहिए, लेकिन umpires और rule book के अनुसार ऐसा नहीं होता।

यह मामला दर्शाता है कि cricket जैसे खेल में, जहां हर moment कीमती होता है, rules की सही समझ और उनका सही उपयोग कितना महत्वपूर्ण है।

इस विवादित LBW decision ने India और Australia के match का रुख तो नहीं बदला, लेकिन यह निश्चित रूप से cricket lovers के बीच एक बड़ा discussion का विषय बन गया।

यह घटना दर्शाती है कि भले ही technology का इस्तेमाल decisions को सही बनाने के लिए किया जा रहा हो, लेकिन खेल में rules की सही समझ और interpretation अब भी चुनौतीपूर्ण बनी हुई है।

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