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तुर्की में फिर आया भूकंप | Tragic : Earthquake in Turkey

भूकंप

स्थानीय समयानुसार प्रातः 4:25 बजे एक बार फिर तुर्की में भूकंप Earthquake के झटके महसूस किए गए।

रिक्टर स्केल पर सिस्मो मीटर( सिस्मों ग्राफ) द्वारा इसकी तीव्रता चार की आंकी गई।

भूकंप का केंद्र तुर्की के दक्षिण पश्चिम में अफरीन शहर से 23 किलोमीटर दूर था।

ध्यान रहे कि फरवरी माह में भी तुर्की में एक विनाशकारी भूकंप की वजह से 50,000 से अधिक लोगों की मृत्यु हुई थी।

मानवता को ध्यान में रखते हुए सबसे पहले भारत ने ही तुर्की की राशन के साथ-साथ , दवाइयां मेडिकल डॉक्टर सेवा के साथ अन्य रूप में मदद की थी।

भूकंप एक प्राकृतिक आपदा (Natural Calamity) है जिसका मुख्य कारण प्रकृति के वातावरण से छेड़छाड़ करना है। पृथ्वी की गहराई में कई प्रकार की छोटी-बड़ी टेक्टेनिक्स प्लेट्स (Tectonic Plates) होती है , इनमें बहुत कम मात्रा में हमेशा हलचल होती रहती है। इन प्लेटो की निरंतर गतिमान होने से किनारों पर दवाब बन जाता है, और जब यह दवाब अत्यधिक हो जाता है तो यह अचानक ही एक जोरदार झटके के साथ बाहर निकलता है,और इसमें से ऊर्जा मुक्त होकर भूकंपीय तरंगे (Seismic waves) उत्पन्न होती है, इसे भूकंप कहते है । कई बार ज्वालामुखी विस्फोट भी आपदा के कारण बनते हैं।

भूकंप आने पर हम अपना बचाव किस तरह कर सकते हैं ?

भूकंप आने पर अगर हो सके तो सबसे पहले घर से बाहर सड़क पर आकर खड़े हो जाए। अगर यह करना संभव ना हो तो किसी प्रकार के टेबल अथवा पलंग के नीचे अपने आप को छुपाए रखें।

यदि आप घर से बाहर हो तो किसी बड़ी इमारत के पास कदापि खड़े ना रहे जिससे कि इमारत गिरने पर हम अपना बचाव आसानी से कर सकते हैं ।

यदि वाहन चलाते वक्त भूकंप के झटके महसूस किए गए तो सबसे पहले हम किसी सुरक्षित जगह पर अपने वाहन को खड़ा कर दें और यह सुनिश्चित करें कि उसके आसपास किसी प्रकार की इमारत , बड़ा पेड़ बिजली के खंभे, टेलीफोन के तार , बिजली के तार इत्यादि ना हो। हम अपना वाहन किसी भी प्रकार के छोटे बड़े पुल पर खड़े ना करे।

भूकंप से बचाव के क्या तरीके है?

भूकंप आने पर अगर हो सके तो सबसे पहले घर से बाहर सड़क पर आकर खड़े हो जाए। अगर यह करना संभव ना हो तो किसी प्रकार के टेबल अथवा पलंग के नीचे अपने आप को छुपाए रखें।

यदि आप घर से बाहर हो तो किसी बड़ी इमारत के पास कदापि खड़े ना रहे जिससे कि इमारत गिरने पर हम अपना बचाव आसानी से कर सकते हैं ।यदि वाहन चलाते वक्त भूकंप के झटके महसूस किए गए तो सबसे पहले हम किसी सुरक्षित जगह पर अपने वाहन को खड़ा कर दें और यह सुनिश्चित करें कि उसके आसपास किसी प्रकार की इमारत , बड़ा पेड़ बिजली के खंभे, टेलीफोन के तार , बिजली के तार इत्यादि ना हो। हम अपना वाहन किसी भी प्रकार के छोटे बड़े पुल पर खड़े ना करे।

अगर हम भूकंप में मलबे के नीचे दब गए हैं तो हम हिले डुले नहीं और ना ही किसी प्रकार की धूल उड़ाए । हम अपने मुंह को किसी रुमाल या कपड़े से ढक कर रखें । अपने आसपास के पाइप , अगर पाइप न हो तो दीवार को जोर-जोर से थपथपाए ताकि बचाव करने वाले आपको आसानी से ढूंढ सके । या फिर सिटी बजाए । अगर उपयुक्त कोई भी उपाय आपके पास में ना हो तो जोर जोर से चिल्लाए। मुंह से स्वास द्वारा किसी प्रकार की धूल हमारे शरीर में प्रवेश न करें ऐसी कोशिश करें।

भूकंप को किस प्रकार मापा जाता है ?

भूकंप मापने के लिए रिक्टर स्केल का इस्तेमाल किया जाता है इसे रिक्टर मेग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहते हैं यह प्रणाली सन 1935 में चार्ज एफ विक्टर ने विकसित की थी।

भूकंप को मापने वाली मशीन का नाम क्या हैं?

सिस्मोग्राफ

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